पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गिलगित-बलतिस्तान से होकर चीन तक जाने वाली पांच सुरंगों का उद्घाटन किया है। पांच सुरंगों की कुल लंबाई सात किलोमीटर है। यह सड़क 24 किलोमीटर लंबे कराकोरम राजमार्ग का हिस्सा है।
ये परियोजनाएँ 27.50 करोड़ डॉलर के ख़र्च से बनाई गई हैं और इनमें पाकिस्तान और चीन, दोनों देशों के इंजीनियरों की टीमों ने भाग लिया। इस परियोजना का नाम पाकिस्तान-चीन मैत्री योजना रखा गया है। अट्टाबाद झील के पास बनी ये सुरंगें 2010 में हुए भूस्खलन में पूरी तरह बर्बाद हो गई थीं।
इस भूस्खलन की वजह से ही हुंजा नदी का बहाव रुक गया था और वहां कृत्रिम झील बन गई थी। इसी परियोजना के तहत इन पांच सुरंगों के अलावा दो पुल और 78 पुलियां बनाई जा रही हैं। इस परियोजना के पूरे हो जाने के बाद चीन से सैलानी सीधे इस्लामाबाद तक जा सकेंगे।
इसके अलावा दोतरफा व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, भारत के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह बात थोड़ी चिंताजनक जरुर है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि दोनों ही देश शुरु से ही भारत के खिलाफ जंग का ऐलान करते रहे हैं और ऐसे में इन सुरंगों की वजह से चीन आसानी से भारतीय सीमा के नजदीक आ सकता है और अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सकता है।